BAAS-अन्वेषकों की रिपोर्ट्स पर आधारित भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, गैर-कानूनी दलाली, उत्पीड़न, अत्याचार, शोषण, मनमानी, नाइंसाफी, गैर-कानूनी गतिविधियों आदि की महत्वपूर्ण खबरों और सूचनाओं के लिये क्लिक करें।

Saturday, January 2, 2016

सदस्यता

आजीवन प्राथमिक सदस्यता
सदस्यता का आमंत्रण : आज हमारे देश में जिन लोगों के हाथों में सत्ता एवं प्रशासन की संवैधानिक ताकत है, उनमें से अधिकतर का सच्चाई, ईमानदारी, इंसाफ आदि बातों से दूर का भी नाता नहीं है। अधिकतर तो भ्रष्टाचार के दलदल में अन्दर तक इतने धंसे हुए हैं कि वे खुद ही अपराधियों को संरक्षण भी देते हैं। आम व्यक्ति की किसी को चिन्ता नहीं है! ऐसे विकट हालात में आम व्यक्ति के पास केवल दो ही रास्ते बचते हैं:-

प्रथम-या तो आतताईयों के जोर-जुल्म को चुपचाप सहते रहें!
या
दूसरा-समाज के सभी अच्छे, सच्चे, देशभक्त, ईमानदार और न्यायप्रिय लोग एकजुट हो जायें!

दूसरा रास्ता अपनाना इसलिए उचित है, क्योंकि लोकतान्त्रिक व्यवस्था में आम किन्तु जागरूक लोगों की समर्पित, संगठित तथा एकजुट ताकत के आगे झुकना नौकरशाही और सत्ता की मजबूरी है।

इसी पवित्र इरादे से "भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान" (बास) की "आजीवन प्राथमिक सदस्यता" का आमंत्रण आज आपके समक्ष है। यदि आप 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हैं तो आपका स्वागत है। निर्णय आपको करना है!

आजीवन प्राथमिक सदस्यता हेतु 0 (जीरो) नम्बर का सदस्यता फॉर्म प्रस्तुत करना होता है। सदस्यता फॉर्म का JPEG फॉर्मेट में यहां पर इमेज के रूप में दिया गया है।
फॉर्म का JPEG फॉर्मेट डाउन लोड करके ए/4 साईज के कागज पर प्रिंट करवाया जा सकता है। साथ ही प्रिंटेड सदस्यता फॉर्म की ए/4 साईज के कागज पर फोटो कॉपी भी मान्य है।

सदस्यता हेतु कौन पात्र/कौन अपात्र?
"भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान" के उद्देश्यों, नियमों, सिद्धान्तों और बास के नेतृत्व के प्रति आस्था तथा विश्‍वास रखने वाले 18 वर्ष की आयु प्राप्त देश के सभी नागरिकों (लोक सेवकों अर्थात-सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों सहित) का इस संस्थान की आजीवन प्राथमिक सदस्यता पाने हेतु सदैव स्वागत है, लेकिन निम्न तीन श्रेणी के लोगों को इस संस्थान की सदस्यता नहीं दी जाती है :-
1. अवयस्क : जिनकी आयु 18 वर्ष से कम हो। अर्थात् जो नाबालिग हों।
2. जो अनपढ हों, लेकिन सदस्यता फॉर्म को समझने में सक्षम और अपना हस्ताक्षर करना जानते हैं, ऐसे साक्षर लोग सदस्यता पाने के लिये पात्र हैं।
3. बेरोजगार अर्थात् निठल्ले लोगों को इस संस्थान की सदस्यता नहीं दी जाती है। क्योंकि इस संस्थान के प्रबन्धन तथा संचालन के लिये किसी सरकार या अन्य किसी बाहरी व्यक्ति से आर्थिक सहयोग नहीं लिया जाता है। अत: सभी स्वाभिमानी सदस्य अपनी-अपनी कमाई का 00.10 प्रतिशत हिस्सा अर्थात् प्रत्येक सौ रुपये की अपनी कमाई में से केवल मात्र 10 पैसे या कम से कम 100 रुपये में से जो भी अधिक हो उतनी राशि का संस्थान को अनुदान करते हैं।ऐसे में बेरोजगार लोग संस्थान पर भार सिद्ध हो सकते हैं।
सदस्यता कैसे?

उपरोक्तानुसार इस संस्थान की सदस्यता हेतु पात्र और योग्य कोई भी भारतीय नागरिक इस संस्थान द्वारा निर्धारित जीरो 0 नंबर फॉर्म (Form No. 0) में निम्न दो तरीकों में से किसी भी प्रकार से आवेदन प्रस्तुत करके इस संस्थान की आजीवन प्राथमिक सदस्यता प्राप्त कर सकते हैं :-
1-सिफारिश पर : किसी वर्तमान सदस्य की अनुशंसा/सिफारिश पर सदस्यता प्राप्त की जा सकती है। या
2-सीधे : निम्न तीन दस्तावेज जीरो 0 नंबर फॉर्म (Form No. 0) के साथ संलग्न पेश करके सीधे संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यालय से भी सदस्यता प्राप्त की जा सकती है।
(1) आवेदक का अपना एक नवीनतम पासपोर्ट साइज फोटो।
(2) ऐसा कोई सरकारी दस्तावेज जिसमें आवेदक का स्थायी पता दर्ज हो। और
(3) आवेदक का ऐसा कोई सरकारी दस्तावेज, जिसमें उसकी जन्म तारीख दर्ज हो या जिससे यह प्रमाणित हो सके कि आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक है।  
नोट :
लेकिन यहाँ पर यह स्पष्ट किया जाता है कि उपरोक्त दोनों प्रकार में से किसी भी प्रकार से प्राप्त की गयी सदस्यता एक सामान ही होती है। दोनों व्यवस्था केवल आवेदकों की सुविधा हेतु की गयी है।

-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
राष्ट्रीय अध्यक्ष
भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)
मोबाईल एवं वाट्स एप नंम्बर : 9875066111

No comments:

Post a Comment